Astronauts Of Mission Gaganyaan : भारत का अंतरिक्ष मिशन

Gaganyaan Mission

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Astronauts Of Mission Gaganyaan : भारत का अंतरिक्ष मिशन

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी तिरुवनंतपुरम में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में  एक कर्यकर्म में सम्मिलित हुवे । जिसमे अभूतपूर्व गगणयान मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों का अनावरण किया जिनका  नाम है ग्रुप कैप्टन अजित कृष्णन, ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर,  विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप। आइये साथ ही ये भी जानते हैं क्या है Mission गगणयान  और Astronauts Of Mission Gaganyaan के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में क्या और कहा से हैं।

आइये जानते हैं उन चार अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में

  • ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर
    ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर

ग्रुप कैप्टन प्रशांत नायर एक सुखोई फाइटर पायलट हैं, जिनका जन्म 26 अगस्त, 1976 को केरल में हुआ था। उन्होंने अपनी यात्रा एनएसएस इंजीनियरिंग कॉलेज, पलक्कड़ से शुरू की और वहां से वो एनडीए में शामिल हुए। उन्होंने वायु सेना अकादमी में स्वोर्ड ऑफ ऑनर अर्जित किया, प्रशिक्षण पूरा किया और जून 1999 में वायु सेना में नियुक्त हुए।

उन्होंने Su-30 स्क्वाड्रन की कमान संभाली और न केवल भारत के पहले हवाई-प्रक्षेपित ब्रह्मोस को फायर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, बल्कि भारत को इस विशेष क्षमता वाले कुछ देशों के समूह में खड़ा कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि 2017 के एक परीक्षण के दौरान, तत्कालीन स्क्वायर लीडर (अब ग्रुप कैप्टन) अंगद प्रताप भी गगनयान चालक दल का हिस्सा हैं।

इसके अलावा, ग्रुप कैप्टन नायर ने रूस में अपने 18 महीने के लंबे प्रशिक्षण के दौरान गगनयान मिशन के लिए चुने गए पायलटों की टीम का नेतृत्व किया। ऐतिहासिक मिशन की तैयारी के लिए बेंगलुरु के मानव अंतरिक्ष केंद्र में अतिरिक्त प्रशिक्षण हुआ।

  • ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप
    ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप

    ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट हैं। उनका जन्म 17 जुलाई, 1982 को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। उन्होंने एनडीए से ग्रैजुएशन किया और 18 दिसंबर, 2004 को भारतीय वायुसेना में तैनात हुए।

    उनके पास फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट के तौर पर करीब 2,000 घंटे का अनुभव है। उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, और An-32 जैसे कई प्रकार के विमान उड़ाए हैं। इसरो के मुताबिक, ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप ने ग्रुप के अन्य तीन सदस्यों के साथ रूस में 13 महीने तक ट्रेनिंग की है।

     

     

  • ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन
    ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन

ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन को भी गगनयान मिशन के लिए चुना गया है। उनका जन्म तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में 19 अप्रैल 1982 को हुआ था। वे एनडीए के पूर्व छात्र हैं और वायु सेना अकादमी में राष्ट्रपति से स्वर्ण पदक और स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित हो चुके हैं। उन्हें 21 जून 2003 से भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में तैनात किया गया है। अजीत कृष्णन एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर और टेस्ट पायलट भी हैं। उनके पास लगभग 2900 घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डॉर्नियर, An-32 जैसे कई विमानों को उड़ाया है। वह DSSC, वेलिंगटन के पूर्व छात्र भी हैं।

 

 

  • विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला
    विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला

    भारतीय वायुसेना के फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं।उनका जन्म 10 अक्टूबर 1985 को लखनऊ, यूपी में हुआ था।उन्होंने एनडीए से ग्रेजुएशन किया और 17 जून 2006 को भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में शामिल हुए।उन्होंने रूस की राजधानी मॉस्को के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में गगनयान मिशन के लिए ट्रेनिंग प्राप्त की है।उन्होंने Su-30 MKI, MiG-21, MiG-29, जगुआर, हॉक, डोर्नियर, An-32 जैसे कई प्रकार के विमान उड़ाए हैं।

 

 

 

क्या है Mission गगणयान : गगनयान, जिसका अनुवाद ‘खगोलीय वाहन’ है, गगनयान मिशन का उद्देश्य मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए भारत की क्षमता को प्रदर्शित करना है। ये योजना तीन दिनों की है जिसके तहत इस मिशन के लिए तीन सदस्यों  की एक टीम को  को 400 किमी की कक्षा में ले जाना और पृथ्वी पर उनकी पृथ्वी पर उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना है, जिसका नियोजित लैंडिंग भारतीय महासागर  के पानी में उतरने के साथ  होगा ।

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