Indian Army Day 2024

76th Army Day 2024: Army Day is celebrated on January 15 every year.

Indian Army Day 2024 : भारतीय सेना दिवस, एक महत्वपूर्ण और गर्वशील पर्व

भारतीय सेना दिवस, हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य देश की सेना के बलिदान, समर्पण और शौर्य को याद करना है। इस दिन को सेना के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण और गर्वशील पर्व के रूप में मनाया जाता है। भारतीय सेना दिवस का आयोजन उन सभी वीर जवानों की स्मृति में किया जाता है जो अपने प्राणों की बाजी लगाकर देश की सुरक्षा के लिए समर्पित हैं।

इस बार भारतीय सेना अपना 76वां आर्मी डे मना रही है। आज का दिन इंडियन आर्मी के जज्बे, बहादुरी, शौर्य और अदम्य साहस को सलाम करने का दिन है। युद्ध लडा हो, देश में किसी बड़ी त्रासदी के आने के बाद रेस्क्यू करना हो या आपातकाल स्थिति में जल्द से जल्द जरूरतमंद लोगों के पास मदद पहुंचाने का काम हो इंडियन आर्मी हर जगह मुस्तैदी के साथ काम करती है।

15 जनवरी का दिन ही क्यों इंडियन आर्मी डे के लिए ?

क्योंकि भारतीय थल सेना का गठन ब्रिटिश हुकूमत के अधीन किया गया था। यह तब बनी थी जब भारत पर अंग्रेजों का राज था। इंडियन आर्मी के वरिष्ठ अधिकारी अंग्रेज ही हुआ करते थे। 1947 में जब मुल्क आजाद हुआ तो उसके बाद भी सेना के वरिष्ठ अधिकारी ब्रिटिश मूल के ही थे। लेकिन यह चलन 1949 में खत्म हो गया। 15 जनवरी, 1949 के दिन केएम करियप्पा भारतीय थल सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने । फील्ड मार्शल केएम करियप्पा ने जनरल फ्रांसिस बुचर (ब्रिटिश मूल के) से भारतीय सेना की कमान संभाली थी। आजादी के बाद सेना के पहले दो चीफ ब्रिटिश मूल के बने थे। भारतीय सेना के लिए एक बहुत ही खास पल था जब देश की सेना का नेतृत्व किसी भारतीय के हाथ में पहुंचा था। इसी वजह से हर साल 15 जनवरी के ही दिन भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है ।

इस दिन के भहव्य आर्मी डे परेड का आयोजन होता है जो इस बार लखनऊ में होगा इस समारोह में सेना प्रमुख और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियां भाग लेती हैं। आर्मी चीफ सलामी लेते हुवे परेड का ननिरिक्षण करते हैं । समारोहों में सेना के जवानों को सम्मानित किया जाता है और उन्हें वीरता के लिए पुरस्कृत किया जाता है। इसके अलावा, सेना द्वारा नई तकनीक, युद्धास्त्र, और सुरक्षा से जुड़े नए प्रयासों का भी परिचय होता है।

सूचना दर्पण की तरफ से सभी वीर जवानों को भाव पूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके साहस, समर्पण, और बलिदान को सलामी देते हैं।

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